प्यासी रूह
तू मेरी वह अधूरी मुहब्बत है जो अधूरी ही रहे गई
एक ऐसी चाहत है जो कभी पूरी न हुई l
मांगा था दुआओ में तुझे ही
पर यह दुआ भी अधूरी रह गई l
मालूम है मुझे बेवफ़ नहीं है तू पर क्या करें
तुझे मुझे से ज्यादा मौत भा गई l
जी ही लेते है हम तेरे बिना यही
पर बस एक आस अधूरी सी रहे गए l.......
Sahil राइटर ❤❤.........
ऋषभ दिव्येन्द्र
26-Jun-2021 06:48 PM
बहुत खूब 👌👌
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Vfyjgxbvxfg
26-Jun-2021 04:38 PM
Bahut khoob
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Swati chourasia
26-Jun-2021 02:41 PM
Nice
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